कार में मिलेगा फ्लेक्सिबल इंजन का ऑप्शन, 100% ग्राहक तय करेंगे किस पर चलानी है गाड़ी
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी के मुताबिक, आने वाले वक्त में ग्राहकों के पास विकल्प होगा कि वो अपनी गाड़ी के इंजन को पूरी तरह पेट्रोल से चलाना चाहते हैं या इथनॉल से.
ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री (Transport ministry) जल्द ही फ्लेक्सिबल इंजन (Flexible engine) लाने की तैयारी कर रही है. (PTI)
ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री (Transport ministry) जल्द ही फ्लेक्सिबल इंजन (Flexible engine) लाने की तैयारी कर रही है. (PTI)
आपकी कार कौन से इंजन (Car engine) पर चलती है? क्या आप भी किसी ऐसे नए इंजन की तलाश में हैं जो पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) का खर्चा बचा दे? अगर यह चूज करने का ऑप्शन मिल जाए कि कौन से इंजन पर कार चलानी है यह खुद तय करें तो कैसा होगा? यकीनन अच्छा ही लगेगा. जल्द ही आपके पास यह ऑप्शन होगा कि आप खुद तय कर सकेंगे कि कार इंजन कौन सा होना चाहिए. ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री (Transport ministry) जल्द ही फ्लेक्सिबल इंजन (Flexible engine) लाने की तैयारी कर रही है. इसकी प्लानिंग चल रही है. जल्द ही प्लान तैयार हो जाएगा.
ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) के मुताबिक, आने वाले वक्त में ग्राहकों के पास विकल्प होगा कि वो अपनी गाड़ी के इंजन को पूरी तरह पेट्रोल से चलाना चाहते हैं या इथनॉल (Ethanol) से. गडकरी के मुताबिक, उनका मंत्रालय फ्लेक्सिबल इंजन पर काम कर रहा है, जहां ग्राहकों को ईंधन चुनने का विकल्प मिलेगा.
क्या है प्लान और चुनौती?
नितिन गडकरी के मुताबिक, ग्राहकों के पास 100% पेट्रोल या इथनॉल (Petrol vs ethanol) का विकल्प होगा. फूड ग्रेन से इथनॉल बनाने पर ज्यादा जोर देने की जरूरत है. फिलहाल, कई विकल्पों पर विचार हो रहा है. गन्ने के जूस से भी इथनॉल (How to produce ethanol) में काफी ज्यादा संभावनाएं दिखाई देती हैं. लेकिन, 1600 करोड़ लीटर की जरूरत के मुकाबले सिर्फ 450 करोड़ लीटर मौजूद है. ऑयल कंपनियों के लिए इथनॉल की भी शॉर्ट सप्लाई. बायोमास के जरिए भी सेकंड जनरेशन इथनॉल का कंपनियां प्लांट लगा रही हैं.
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इथनॉल के क्या-क्या हैं फायदे? (Benefits of Ethanol)
- इथनॉल करीब 50 से 55 रुपए प्रति लीटर मिलेगा. हालांकि, ये पेट्रोल के मुकाबले कम माइलेज देगा, लेकिन फिर भी अच्छी-खासी बचत होगी.
- इथनॉल गन्ने से बनाया जाता है और इसे भारत में कहीं भी बनाया जा सकता है. भारत को इथनॉल के लिए किसी अन्य देशों पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा.
- इथनॉल से भारत के किसानों को सबसे अधिक फायदा होगा. दरअसल इथनॉल गन्ने से बनता है. इसे चीनी मीलों या उन जगहों पर बनाया जाएगा, जहां गन्ने की खेती ज्यादा होती है.
- पेट्रोल से जहां फायदा बड़ी तेल कंपनियों को होता है, वहीं इथनॉल के इस्तेमाल से भारत के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
- इथनॉल के इस्तेमाल से भारत का पैसा बचेगा और किसानों को भी फायदा होगा. पेट्रोल बिक्री से आने वाले पैसे बड़ी कंपनियों और खाड़ी देशों के खाते में जाता है.
- इथनॉल पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है. इससे चलने वाली गाड़ी में पेट्रोल के मुकाबले प्रदूषण न के बराबर होता है.
- इथनॉल से चलने वाली गाड़ी पेट्रोल के मुकाबले बहुत कम गर्म होता है.
- इथेनॉल में अल्कोहल जल्दी उड़ जाता है, जिसके चलते इंजन जल्द गर्म नहीं होता है.
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04:29 PM IST